है कैसे परिवेश में तू, स्थिति का ध्यान धर ले। है कैसे परिवेश में तू, स्थिति का ध्यान धर ले।
कातर स्वर ... अरे, अब तो जाग जाओ। कातर स्वर ... अरे, अब तो जाग जाओ।
आत्मविश्वास और बहादुरी यदि आप में हैं। आत्मविश्वास और बहादुरी यदि आप में हैं।
सोचने की बात यह है स्थिति से उभरा कैसे जाए इससे निपटा कैसे जाए । सोचने की बात यह है स्थिति से उभरा कैसे जाए इससे निपटा कैसे जाए ।
जबकि मजबूत आदमी की, आर्थिक स्थिति को होना था। जबकि मजबूत आदमी की, आर्थिक स्थिति को होना था।
मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है। मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है।